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आषाढ़ नवरात्र

28 Sep, 2024 by Alok Mulatkar

देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।


गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।

काली, तारा महाविद्या, षोडशी भुवनेश्वरी ।
भैरवी, छिन्नमस्तिका च विद्या धूमावती तथा ॥
बगला सिद्धविद्या च मातंगी कमलात्मिका ।
एता दश-महाविद्याः सिद्ध-विद्याः प्रकीर्तिता: ॥



माघ नवरात्री उत्तरी भारत में अधिक प्रसिद्ध है, और आषाढ़ नवरात्रि मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में लोकप्रिय है।

संबंधित अन्य नाम माघ नवरात्रि, आषाढ़ नवरात्रि
शुरुआत तिथि माघ / आषाढ़ शुक्ल प्रतिपद
उत्सव विधि शक्ति साधना, व्रत, मंत्र जाप।

 

आषाढ़ नवरात्रि घटस्थापना :  शनिवार, 6 जुलाई 2024
घटस्थापना मुहूर्त -  5:29 AM से 10:07 AM
आषाढ़ नवरात्रि आरंभ :  शनिवार, 6 जुलाई 2024
आषाढ़ नवरात्रि समाप्ति :  सोमवार, 15 जुलाई 2024